Friday, 17 December 2021

पुर्जे


 

बीच रास्ते

रुक गई

चार लोक जमा हुए

धक्का देने लगे

किसी से मदद मांगनी भी नही पडी

चल पडी गुनगुनाते हुए


बीच रास्ते

फिर रुक गई

गुनगुनाना बंद

चिल्ला उठी

धुआ निकालने लगी


होसला देकर उसे 

ले गए डॉक्टर के पास

पुर्जे खोले गए

काफी कचरा जमा था दिमाग में

सरजरी देर तक चली

ट्रान्सप्लांटेशन भी करने पडे

पुर्जे जोडे गए


हस पडी

बिलकुल नए जेसी

गुनगुनाने लगी

फिर भागने लगी...


ये किस्सा था गाडी का 

इंसान का खेर रेहने ही दो...


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गाडी के पुर्जे, चलो फिर भी ठीक हो जाते है

ये दिमाग के पुर्जे कब ठीक होंगे पता नही

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